प्राचीन काल में हिरण कश्यप ने कठोर तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से एक वरदान लिया जिसमें उसने भगवान ब्रह्मा से मांगा की वह ना तो घर में मर सके नगर से बाहर मार सके ना जमीन पर मार सके ना आसमान में मार सके ना पानी में मार सके ना आग में मार सके और ना ही इस दुनिया का या बाहर की दुनिया का कोई उसे जीव जंतु मार सके और ब्राह्मणी जी ने यह वरदान हिरण कश्यप एक सबको दे दिया क्योंकि हिरण कश्यप को पता था कि अमर होने का उसको कभी भी वरदान नहीं मिल सकता इस दुनियामें कोई भी अमर नहीं है इसलिए हिरण्यकश्यप ने ऐसा वरदान मांगने की कोशिश करी जिससे वह कभी भी ना मार सके । ऐसा वरदान मांग कर हिरण कश्यप बहुत बलवान हो गया और वह किसी को कुछ भी नहीं समझता था हिरण कश्यप बिल्कुल निरंकुश हो गया
फिर हिरण कश्यप को एक संतान हुई जिसका नाम प्रहलाद था और वह बहुत ही अधिक भगवान विष्णु में भरोसा रखता था और भगवान विष्णु का परम भक्त था भगवान विष्णु की भी कृपा दृष्टि प्रहलाद के ऊपर बहुत अधिक थी किरण कश्यप ने प्रहलाद को बोला की वह हिरंकाश्यप के अलावा किसी की भक्ति ना करें क्योंकि हिरंकाश्यप अपने आप को भगवान समझने लग गया था और हिरण कश्यप को अपने आप पर बहुत अधिक अहंकार हो गया था परंतु प्रहलाद फिर भी भगवान विष्णु की भक्ति करता रहता इसको देखकर हिरण कश्यप बहुत अधिक पर लाभ से जलने लग गया जबकि पर लात हिरण कश्यप का पुत्र था प्रहलाद के लगातार विष्णु की भक्ति करने पर हिरंकाश्यप प्रहलाद को जान से मारने को तैयार हो गया जबकि प्रहलाद हिरण कश्यप का ही पुत्र था उसको यह भी दया नहीं आई कि वह अपने पुत्र को मारने की कैसे सोच रहा है हिरंकाश्यप ने अपने पुत्र पर लड़ को करने के लिए अनेक उपाय किए पर प्रहलाद भगवान विष्णु की कृपा से हर प्रहार से बचता रहा हिरंकाश्यप के बार-बार सफल होने पर और प्रहलाद को ना मार पाने पर यह काम उसने उसकी बहन होलिका को दे दिया उसने होलिका को कहा कि वह प्रहलाद को जान से मार दे
हिरण कश्यप की बहन होलिका को अग्नि से बचने का वरदान था होलिका को ऐसे चादर मिली हुई थी जिसको ओढ़ने पर होली का आग में नहीं जल सकती थी इसलिए हिरण कश्यप ने कहा कि होली का बहन तुम प्रहलाद को जलती हुई आग में लेकर बैठ जाओ जिसे प्रहलाद जलकर मर जाएगा और तुम्हें कुछ भी नहीं होगा पर भगवान विष्णु की कृपा रही जब होलिका प्रहलाद को आग में लेकर तेज जलती हुई आग में लेकर बैठी तब एक तेज हवा का झोंका आया और होलिका को वरदान में मिली चादर उड़कर प्रहलाद पर जाकर लिपट गई और चादर ने होने पर होली का वहीं पर जलकर भस्म हो गई और प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ तभी से होली का त्यौहार मनाया जाने लगा यह एक और उदाहरण है जिसमें बुराई की हार हुई और अच्छाई की जीत हुई| उसी समय हिरण कश्यप को मारने के लिए भगवान विष्णु पास में खंभे से निकाल कर नर्सिंग का अवतार लिया और वह समय ने तो दोपहर का था और ना ही शाम का था घर की चौखट पर बैठकर दुष्ट हिरण कश्यप को मार डाला क्योंकि उसे समय मैं तो सुबह का समय था ना दोपहर का समय था ना शाम का समय था और ना हिरण कश्यप करके अंदर थाना ही बाहर था वह चौखट पर था इस प्रकार अत्याचारी हिरंकाश्यप को भगवान विष्णु ने मार दिया इसलिए होली का त्यौहार मनाया जाता है
होली का त्यौहार कब मनाया जाता है
होली का त्योहार वसंत ऋतु के आने पर मनाया जाता है और यह है वह संत ऋतु के स्वागत करने का भी एक तरीका होता भी होता है
होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है
होली के दिन सभी लोग आपस में झगड़ा भूल कर एक दूसरे को रंग लगाते हैं और गले मिलते हैं इस दिन घरों में पकवान भी बनाए जाते हैं और परिवार नाचते हैं और खुशियां मनाते हैं
होली के दिन होने वाले नुकसान और हादसे
होली एक बहुत ही पवित्र त्यौहार है पर कुछ लोग होली के त्यौहार को गंदा करने में भी कमी नहीं छोड़ते कई लोग होली के दिन शराब पीते हैं बड़े बुजुर्गों को परेशान करते हैं कुछ लोग शराब पीकर गाड़ी भी चलाते हैं और होली के दिन बहुत अधिक सड़क हादसे भी होते हैं इसलिए हमें अपने बच्चों को सीखना चाहिए की होली के दिन कोई भी किसी भी प्रकार का नशा ना करें और इस त्यौहार को प्रेम पूर्वक मनाई अपने परिवार के साथ मिलकर और होली के दिन बिल्कुल भी शराब पीकर गाड़ी ने चलाएं क्योंकि आप कभी नहीं चाहेंगे कि एक खुशी वाले दिन आपके परिवार को चिंता करनी पड़े बुजुर्गों को परेशान ना करें बड़े बुजुर्गों को अच्छा-अच्छा खाना खिलाकर उनको भी खुश करें
होली की शुरुआत कब हुई थी
होली त्यौहार का उल्लेख संस्कृत के 7वी शताब्दी के नाटक रत्नावली में भी किया गया है और चौथी शताब्दी में कालिदास द्वारा भी किया गया है
होली का असली नाम क्या होता है
होली का त्यौहार हिरण कश्यप की बहन होलिका के नाम से प्रचलित है
होलीका के माता-पिता कौन थे
होलिका की माता का नाम दिती था और होलिका के पिता का नाम महर्षि कश्यप था
होली का अर्थ क्या है
होली का अर्थ बुराई पर अच्छाई की जीत है और होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है
होली के दिन कौन से कपड़े पहने चाहिए
वैसे तो होली के दिन हम किसी भी तरह के कपड़े पहन सकते हैं पर आज के समय में लोग सफेद कपड़े ज्यादा पहनना पसंद करते हैं क्योंकि सफेद रंग शांति का रंग है जिसे देखकर मन में शांति मिलती है
क्या पाकिस्तान में होली मनाई जाती है
हां दोस्तों पाकिस्तान में भी भारत की तरह होली मनाई जाती है
भारत में सबसे अधिक होली का त्यौहार कहां मनाया जाता है
भारत में सबसे अधिक होली का त्योहार मथुरा और वृंदावन में मनाया जाता है मथुरा और वृंदावन में हर घर हर गली में बहुत ही रोमांचक तरीके से होली का त्यौहार मानते हैं वहां पर होली से एक हफ्ते पहले ही लोग आपस में होली खेलना शुरू कर देते हैं और होली के दिन उत्सव के साथ त्यौहार का समापन करते हैं
होलिका किसकी पत्नी थी
हिरण कश्यप की बहन होलिका का विवाह इलोजी जैसे हुआ था
Leave a Reply